Sleep disorder | आजकल ज्यादातर लोग ठीक से सो नहीं पा रहे हैं। एक सर्वे में पता चला कि बहुत से लोग जरूरी से कम नींद ले रहे हैं, जो चिंता की बात है। इसकी बड़ी वजहें हैं – बदलती लाइफस्टाइल, काम का दबाव, तनाव और स्लीप पैटर्न में बदलाव। जब उनसे पूछा गया कि क्या वे पूरी नींद ले पाते हैं, तो अधिकतर लोगों ने “नहीं” कहा।
सर्वे के चौंकाने वाले आंकड़े:
- 39% लोगों ने कहा कि वे 6 से 8 घंटे की नींद लेते हैं।
- 39% लोग सिर्फ 4 से 6 घंटे ही सो पाते हैं।
- 20% लोग तो 4 घंटे से भी कम सोते हैं।
- सिर्फ 2% लोग 8 से 10 घंटे की नींद लेते हैं।
- कुल मिलाकर, 59% लोगों की नींद 6 घंटे से भी कम हो रही है।
यह सर्वे 48 जिलों के 43,000 लोगों पर किया गया था।
नींद पूरी न होने की वजहें! (Sleep disorder)
- 72% लोगों ने कहा कि वे रात में वॉशरूम के लिए उठते हैं।
- 25% लोग मानते हैं कि उनकी स्लीप साइकल खराब हो गई है।
- 22% लोगों की नींद बाहर के शोर या मच्छरों की वजह से खराब होती है।
- 9% लोग स्लीप एपनिया जैसी बीमारी से जूझ रहे हैं।
- 9% लोग बच्चों या पार्टनर की वजह से सो नहीं पाते।
- 6% लोगों को मोबाइल कॉल या मैसेज आने से नींद टूटती है।
- 38% लोग तो वीकेंड या छुट्टी के दिन भी अपनी नींद पूरी नहीं कर पाते।
नींद की कमी से होने वाले नुकसान! (Sleep disorder)
नींद पूरी न होने से शरीर और दिमाग पर बुरा असर पड़ता है। इससे हार्ट की बीमारी, मोटापा, टाइप-2 डायबिटीज, स्ट्रोक और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इम्युनिटी कमजोर हो जाती है और सोचने-समझने की क्षमता भी घटती है।
आजकल देर से सोना और देर से उठना एक आम आदत बन गई है। लेकिन एक्सपर्ट्स कहते हैं कि हर इंसान को 8 से 10 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए ताकि सेहत और दिमाग सही तरीके से काम कर सके।
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