Gaza Ceasefire: Israel बना America के गले की हड्डी!
इसराइल नीति को लेकर अमेरिका की दुविधा साफ तौर पर नजर आ रही है। उसकी दुविधा तब और उजागर हो गई जब उसने संयुक्त राष्ट्र महासभा में इजराइल का साथ देते हुए युद्ध विराम के विरोध में वोट किया लेकिन राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसराइल को अंतरराष्ट्रीय समर्थन खोने की चेतावनी भी दी है।
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि अगर गाजा पर इसी तरह ताबड़तोड़ बमबारी जारी रही तो इसराइल को जो हमास के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिला है वह खत्म हो जाएगा। उन्होंने यहां तक कह दिया बेंजामिन नेतन्याहू कि मौजूदा सरकार इजरायल के इतिहास की अब तक की सबसे रूढ़िवादी सरकार है।
उन्होंने बेंजामिन नेतन्याहू को इस सरकार को बदलने की सलाह भी दे डाली। कहा कि अपने सरकार को बदले क्योंकि वह उसे आगे बढ़ने से रोक रही है। जो बाइडेन यह बयान डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए फंड रेजिंग के कार्यक्रम के दौरान दिया है। आखिरकार अमेरिका के रूख में ये विरोधा भास क्यों है 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद से अमेरिका और खुद राष्ट्रपति जो बाइडेन इजरायल का हर हाल में साथ देने का वादा किया बल्की अमेरिका ने इसराइल को हथियार और सैनिक सादो सामान दे रहा है। बल्कि भूमध्य सागर और लाल सागर में अपने समुद्री बेड़ों को भी तैनात किया हुआ है।
इसराइल पर होने वाले हमले को रोकने के लिए और साथ ही युद्ध में अरब के कोई देश ना कुंदे इस तौर पर भी यह व्यवस्था की गई है। और बेरों को तैनात किया गया है। अमेरिका इजरायल के इस स्टैंड के साथ भी खड़ा रहा है कि वह पूरे तौर पर युद्ध विराम नहीं करे गा क्योंकि ऐसा करना इसराइल को हमास के सामने आत्म समर्पण करना होगा। यह बात खुद बेंजामिन नेतन्याहू ने भी चुके हैं।
और यही वजह है कि UN Security Council में अमेरिका ने विटो पावर लगाया और UNGA में भी तत्काल युद्ध विराम के खिलाफ वोटिंग की और इजराइल का पूरी तरह से साथ दिया तो फिर क्या वजह थी जो बाइडेन को बेंजामिन नेतन्याहू सरकार को चेतावनी देने की। इसके कई पहलू हैं। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण अमेरिका ने बेंजामिन नेतन्याहू सरकार को यह चेतावनी दी है।
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2024 में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होना है और जो बाइडेन इसके खुद भी दावेदार हैं। इसराइल के खिलाफ अमेरिका में लगातार बड़े प्रदर्शन हो रहे हैं। गाज़ा में बड़ी तादाद में मासूम बच्चे और महिलाएं की मौत हुई है। गाज़ा में इसराइल बेकसूर लोगों का नरसंहार कर रहा है। इसके खिलाफ अमेरिका की बड़ी आबादी में इसराइल के खिलाफ काफी आक्रोश है। साथ जो बाइडेन की नीति को लेकर भी काफी अमेरिका के आम जनता के बीच आक्रोश देखा जा रहा है। अमेरिका की बड़ी आबादी फिलिस्तीन और गाजा के लोगों के साथ है।
यही कारण है कि जो बाइडेन ने यह बयान पार्टी के लिए फंड रेजिंग के कार्यक्रम के दौरान दिया है यानी उनका अंदाजा है कि इसराइल पर मानवाधिकार हनन और युद्ध अपराध की जो गंभीर आरोप लग रहे हैं उन आरोपों का बचाव करना उनको अपने लिए भारी पड़ सकता है। अमेरिका में Associated Press-NORC Center for Public Affairs Research द्वारा किए गए एक सर्वे में पाया गया है कि उनके ही पार्टी के आधे डेमोक्रेट्स इसराइल और हमास युद्ध के बीच जो बिडेन की जो नीति रही है उसके खिलाफ इस सर्वे में वोट किया है।
जो बाइडेन के खिलाफ 46% डेमोक्रेटिक वोट किया इस बात से पता यह चलता है कि उनकी पार्टी इसराइल और हमास युद्ध पर जो बाइडेन की नीति को लेकर दो भागों में बट चुकी है। लेकिन जो बाइडेन की दुविधा यह है कि स्टेज पॉलिसी के तौर पर इजरायल को सेंड मदद रोक नहीं सकते ऐसा करेंगे तो दुनिया भर के यहूदी और जो उनके समर्थक है वह उनके खिलाफ हो जाएंगे।
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