Deepfake technology kya hota hai
Rashmika Mandanna हुई Deepfake टेक्नोलॉजी की शिकार लिफ्ट में खड़ी इस लड़की का वायरल वीडियो लोगों ने देखा और वायरल लड़की को रश्मिका मंदांना मान लिया लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी।
वीडियो में दिखे रही लड़की देखने में रश्मिका मंडाना दिख रही है। पर वह है नहीं टेक्नोलॉजी की भाषा में इसे (Deepfake टेक्नोलॉजी) कहते हैं. इस वीडियो को बनाने के लिए Deepfake टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके बनाया गया है और वीडियो में देखने वाली लड़की रश्मिका मंदांना नहीं है बल्कि इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंस जरा पटेल है.
DeepFake वीडियो को लेकर दिग्गज एक्टर अमिताभ बच्चन ने भी चिंता जाहिर की है। अभिनेता अमिताभ बच्चन ने इस ट्वीट पर टिप्पणी करते हुए लिखा है कि इस मामले में कठोर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। डीपफेक वीडियो में बॉडी किसी और की होती है और उसमें एडिट करके चेहरा किसी और का लगाया जाता है। रश्मिका मंदाना का वायरल वीडियो भी कुछ इसी तरह से तैयार किया गया है। केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मिस इनफॉरमेशन उनके प्लेटफार्म पर शेयर ना की जाए साथी उन्होंने दीप फेक को एक बड़ा खतरा बताया है।
भारतीय अभिनेत्री (Rashmika Mandanna) ने क्या कहा इस फेक वीडियो पर!
अभिनेत्री रश्मिका मंडाना ने भी वायरल हुई फेक वीडियो पर अपनी प्रतिक्रिया दी है उन्होंने अपने अकाउंट पर लिखा इस तरह की चीज न सिर्फ मेरे लिए खौफनाक है बल्कि उनके लिए भी है जो तकनीक के दुरुपयोग की वजह से आज सुरक्षित है जिन्हें बहुत नुकसान हो सकता है आज एक महिला और एक एक्टर होने के नाते मैं अपने परिवार दोस्त और शुभचिंतकों की शुक्रगुजार हूं जो मेरी सुरक्षा कवच की तरह है।
AI के इस्तेमाल से बढ़े Deepfake Video के मामले
आपको बता दें कि Deepfake कोई नई टेक्नोलॉजी नहीं है। हालांकि इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ने और AI टूल का एक्सेस बढ़ने के बाद अब Deepfake वीडियो तेजी से सामने आ रहे हैं। Deepfake Video और deepfake Photo के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाता है। Deepfake वीडियो को एआई इस तरह से क्रिएट करता है कि इसे पहचान पाना बेहद मुश्किल है।
Deepfake टेक्नोलॉजी क्या है?
(What is Deepfake Technology) आपको बता दें कि Deepfake टर्म को Deep Learning से लिया गया है। डीपफेक टेक्नोलॉजी मशीन लर्निंग का पार्ट है। डीपफेक में डीप का मतलब मल्टिपल लेयर्स से है। डीपफेक टेक्नोलॉजी आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क पर बेस्ड है। इसमें कई सारे फेक कंटेंट को असली कंटेंट की तरह दिखाया जाता है। आपको बता दें कि Deepfake का सबसे पहले नाम 2017 में सामने आया था। तब एक Reddit यूजर ने कई सारे डीपफेक वीडियो क्रिएट किए थे।
बता दें कि Deefake Video दो नेटवर्क की मदद से तैयार होता है इसमें एक पार्ट इनकोडर कहलाता है जबकि दूसरा पार्ट डीकोडर होता है। इनकोडर असली कंटेंट को अच्छी तरह से रीड करता है और फिर वह फेक वीडियो को क्रिएट करने के लिए उसे डिकोडर नेटवर्क में ट्रांसफर कर देता है। इसके बाद आपको एक ऐसा वीडियो तैयार होकर मिल जाता है जिसमें चेहरा तो बदला हुआ होता है लेकिन वीडियो और फोटो किसी और का होता है।
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इस तरह से Deepfake Video को पहचानें
Deepfake Video वैसे तो इतने परफेक्ट होते हैं कि इन्हें पहचान पाना बहेद मुश्किल हैं लेकिन ये नामुमकिन नहीं है। डीपफेक वीडियो या फिर फोटो को पहचानने के लिए आपको इन्हें बेहद बारीकी से देखना होगा। आपको वीडियो पर दिखने वाले शख्स के चेहरे के एक्सप्रेशन, आंखों की बनावट और बॉडी स्टाइल पर गौर करना होगा। आमतौर पर ऐसे वीडियो में बॉडी और चेहरे का कलर मैच नहीं करता जिससे आप इसे पहचान सकते हैं। इसके साथ ही आप लिप सिंकिंग से भी डीपफेक वीडियो को आसानी से पहचान सकते हैं।
अगर आप खुद से Deepfake Video और फोटो को नहीं पहचान पा रहे हैं तो आप एआई टूल की भी मदद ले सकते हैं। AI or Not और Hive Moderation जैसे कई एआई टूल हैं जो आसानी से एआई जनरेटेड वीडियो को पकड़ लेते हैं आप इ्न्हें पहचानने के लिए इनकी भी मदद ले सकते हैं।
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