Australia ने बदले अपने immigration से जुड़े नियम, अब आस्ट्रेलिया जाना इतना आसान नहीं होगा!
ऑस्ट्रेलिया जाने की चाहत रखने वाले भारतीयों पर भी होगा इसका असर। ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने अपने इमीग्रेशन से जुड़े नियम बदल दिए हैं. इमीग्रेशन का मतलब है कोई देश अपने यहां दूसरे देशों से आने वाले लोगों के लिए नियम बनाते हैं।
ऑस्ट्रेलिया अगले 2 साल में अपने यहां आने वाले प्रवासियों की संख्या आधी करने की तैयारी में हैं. साल 2025 तक दूसरे देशों से ऑस्ट्रेलिया पहुंचने वाले लोगों की तादाद सीमित करी जाएगी. अब 1 साल में सिर्फ ढाई लाख लोग ही वहां जा पाएंगे नए नियम के तहत ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई करने आने वाले छात्रों के साथ-साथ कामगारों के लिए वीजा नियम कड़े हो जाएंगे.
हालांकि यह भी उतना ही सच है कि वहां अब भी कुशल श्रमिकों की कमी है. पिछले साल वहां कामगारों की कमी की वजह से सरकार ने वहां काम की तलाश में आने वाले ज्यादा लोगों की तादाद बढ़ाने की तैयारी की थी. कोविद महामारी की वजह से वहां आने वाले skilled worker में कमी आ गई थी. खेती किसानी तक पर असर पड़ा था. हालात इतने बिगड़ गए थे कि पेड़ों पर फल खेतों में फसल लगी-लगी खराब हो गई थी।
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एयरपोर्ट से लेकर अस्पताल तक व्यवस्था पर इसका असर परा था. लेकिन बाद में बड़ी संख्या में यहां प्रवासी आने लगे इसी साल जून के महीने तक यानी साल की शुरुआती 6 महीना में ही वह 5 लाख से ज्यादा प्रवासी आ चुके थे. यहां तक की कोविद महामारी के बावजूद साल 2016 से अब तक लगभग 10 लाख लोग ऑस्ट्रेलिया शिफ्ट हो चुकें हैं।
जिसकी वजह से वहां के रहस्य और बुनियादी सुविधाओं पर काफी दबाव पड़ रहा है. इसलिए ऑस्ट्रेलिया के गृह मंत्री ने कहा है कि प्रवासियों की बढ़ती संख्या को अब काबू में किया जाएगा अब लगभग 50 फ़ीसदी प्रवासियों की संख्या कम करने की तैयारी है.
ऑस्ट्रेलिया में प्रवासियों की संख्या बढ़ने की वजह यह भी थी कि यहां विदेशी छात्र ज्यादा आते हैं। ऑस्ट्रेलिया में लगभग 6.50 लाख विदेशी छात्र हैं. इनमें से भारतीय छात्रों के तदाद भी काफी है. लेकिन अब छात्रों को भी वीजा मिलना अब आसान नहीं होगा. जैसे उन्हें अंग्रेजी भाषा की जानकारी के लिए करे टेस्ट से होकर गुजरना होगा और दूसरी बार दोबारा वीजा अप्लाई करने वाले छात्रों को यह साबित करना होगा कि ऑस्ट्रेलिया में ज्यादा वक्त तक पढ़ाई करने से उनका करियर कैसे बेहतर होगा.
इस बीच कई भारतीयों के लिए एक अच्छी खबर भी है. वहां स्किल्ड वर्कर जैसे टेक वर्कर को फायदा भी मिल सकता है ऐसे लोगों को ऑस्ट्रेलिया में परमानेंट रहने का मौका मिल सकता है।
ऑस्ट्रेलिया में बड़ी तादाद में भारतीय रहते हैं. आंकड़ों का बता दे ऑस्ट्रेलिया में परमानेंट रेजिडेंसी लेने के मामले में भारतीय लोगों ने चीन और यूके के लोगों को भी पीछे छोड़ दिया है. ऑस्ट्रेलिया ब्यूरो आफ स्टैटिसटिक्स के मुताबिक वहां हर पांच में से एक कुशल कामगार भारत से है. ऑस्ट्रेलिया में 76000 से ज्यादा भारतीय रहते हैं।
ब्रिटेन के बाद ऑस्ट्रेलिया में सबसे ज्यादा भारतीय प्रवासी ही जाते हैं. ऑस्ट्रेलिया में इंडियन हाई कमीशन के मुताबिक फिलहाल साल 2023 के जनवरी अप्रैल महीने तक ऑस्ट्रेलिया में करीब भारतीय छात्र 96000 की तादाद में थे. आंकड़ों के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया की कुल ढाई करोड़ आबादी में से 50% वह लोग है जिनका जन्म किसी और देश में हुआ था।
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