(Acidity क्यों और कैसे होती है, कुछ बातों का रखेंगे ध्यान तो नहीं होगी यह समस्या!) Acidity या पेट में जलन महसूस होना एक सामान्य समस्या है, जो मुख्य रूप से छाती या सीने में जलन पैदा करती है. आम तौर से ये जलन छाती के निचले हिस्से के आस-पास महसूस होती है. एसिडिटी आम तौर पर खाने की गलत आदतों की वजह से होता है. एसिडिटी अधिकतर उन लोगों को होता है. जो ऑयली और स्पासी फूड खाना ज्यादा पसंद करते हैं. Acidity के और भी कई कारण हो सकते हैं. जैसे अधिक मानसिक तनाव, धूम्रपान, शराब का अधिक सेवन, एक्सरसाइज का अभाव और खराब लाइफस्टाइल भी हो सकता है.
आजकल ज्यादातर लोग खाना ऐसा पसंद करते हैं. जो सिर्फ खाने में ही मजेदार ना हो बल्कि देखने में भी अच्छा हो फूड ब्लॉगर्स तो थाली सजाने की टेक्निक सीख-सीख कर ही लाखों कमा रहे हैं. लेकिन एक बार खाना मुंह में चला जाए तो सरी डेकोरेशन गायब हो जाती है. हम खाने को चबाते हैं. टुकड़े-टुकड़े होकर वह हमारे पेट में पहुंचता है. जहां चारों तरफ से उस पर एसिड की बौछार हो जाती है.
खाने को पचाने के लिए बहुत स्ट्रांग एसिड की जरूरत पड़ती है जब हमारा पेट खाली होता है तब हमारी गैस्ट्रिक जूसेस की PH Value एक तक पहुंच जाती है यानी यह नींबू के रस और विनेगर से भी ज्यादा एसिडिक होता है. और Battery fluid जितना खतरनाक इसकी चपेट में जो आ जाए वह गल जाए सिर्फ खाना ही नहीं यह तो हड्डियां भी गलाने की ताकत रखता है. हालांकि इसे सिर्फ प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट ही गलाने है. मूल रूप से गैस्ट्रिक लाइनिंग के अंदर मौजूद गैस्ट्रिक जूस एक दूसरे के साथ रिएक्ट करते हैं और बन जाता है. खतरनाक हाइड्रोक्लोरिक एसिड पेट को खुदको भी इसे बचाना पड़ता है.
इसके लिए वह अपनी लाइनिंग पर म्यूकस की अल्कलाइन परत बना लेता है. पेट के इर्द-गिर्द मांसपेशियों की तीन परतें होती हैं. यह मांसपेशियां पेट में मौजूद खाने को मिलाने का काम करती है. जैसे मिक्सर या ब्लेंडर करता है. यह खाना फिर पहुंचता है. छोटी आंत में इसकी शुरुआती हिस्से को कहते हैं Duodenum यहां खाने को मिलते हैं. कुछ खास तरह के हार्मोन और डाइजेस्टिव फ्लूइड जो पेनक्रियाज से यहां पहुंचते हैं यह सुनिश्चित करते हैं कि एसिडिटी न्यूट्रलाइज हो जाए खाना खाने के बाद पचने में कुल 8 घंटे तक लग सकते हैं.
यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने खाया क्या है. जब आप तला हुआ या बहुत मसालेदार खाना खाते हैं. तो शरीर ज्यादा गैस्ट्रिक एसिड बनता है. कॉफी और अल्कोहल से भी यही होता है. अगर आप लगातार इसी तरह का खाना खा रहे हैं तो आपके पेट का एसिड रेगुलेशन हमेशा के लिए खराब हो जाता है. ऐसे में आपको लगातार एसिडिटी और गैस की समस्या रहती है. पेट में बनने वाले गैस्ट्रिक जूस फूड पाइप में घुस आते हैं. इसीलिए आपको खट्टे डकार आते हैं सीने में जलन होती है.
पेट का काम वैसे तो सिर्फ खाने को पचाने का है लेकिन यह सीधे हमारे दिमाग से भी जुड़ा हुआ है. वेगस नर्फ के जरिए यह हमेशा दिमाग से संपर्क में रहता है. जब पेट खाली होता है तो वह दिमाग को संदेश भेजता है कि खाना लाओ और दिमाग आपसे कहता है कि भूख लगी है. इसी तरह दिमाग में जो चल रहा होता है. उसका असर पेट पर भी पड़ता है. इसीलिए स्ट्रेस में पेट खराब हो जाता है. तो पेट को हल्के में मत लीजिए बल्कि हल्का खाए आप अपने पेट का ध्यान रखेंगे तो पेट आपका ध्यान रखेगा आपको जो भी छोटी-मोटी तकलीफ होती है.
वह आपके शरीर का आपसे कम्युनिकेट करने का तरीका होता है. Acidity को सीरियस लेना चाहिए तेल और मसाले से भरपूर खाने को छोड़कर अगर आप फल सब्जी सलाद वगैरह खाएंगे तो यह आपके लिए फायदेमंद होगा. अगर आप को खाने में तेल और फास्ट फूड ही खाना है. और Acidity से बचने के लिए ऊपर से चूर्ण ले लेंगे तो आपका शरीर भी वहां नहीं रुकेगा वह आपको दूसरी दिक्कत देने लगेगा.
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Acidity के लक्षण क्या हैं?
- पेट में जलन
- गले में जलन
- बेचैनी
- डकार आना
- जी मिचलाना
- मुंह का स्वाद खट्टा स्वाद
- खट्टी डकार
- कब्ज़
Acidity का कारण क्या हैं?
- नॉन वेजिटेरियन और स्पासी फूड का सेवन
- स्मोकिंग और एल्कोहल का सेवन
- तनाव लेना
- पेट की बीमारियां जैसे पेप्टिक अल्सर, गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग, पेट में मरोड़, आदि।
- नॉन-स्टेरायडल एंटी इन्फ्लामेट्री ड्रग जैसी दवाओं का सेवन, आदि।
Acidity की समस्या से इस तरह बचा जा सकता है.
- मसालेदार भोजन का सेवन न करें
- अपनी डाइट में ज्यादा से ज्यादा फल और सब्जियां शामिल करें
- खुद को हाइड्रेट रखें
- खाने को चबा चबाकर खाएं
- डिनर और नींद के बीच में कम से कम 3 घंटे का अंतर रखें
- तुलसी के पत्ते, लौंग, सौंफ आदि चबाएं।
- अनावश्यक रूप से दवाओं का सेवन न करें
Acidity home remedies से मिलेगी जल्द राहत इस के लिए आप कुछ इन चीजों का उपयोग कर सकते हैं.
- भोजन के बाद सौंफ खाने से भी एसिडिटी में राहत मिलती है. सौंफ पेट में ठंडक पैदा करके एसिडिटी को कम करता है. सौंफ को सीधे चबाकर या फिर इसकी चाय बनाकर पी सकते हैं.
- नींबू पानी में थोड़ी शक्कर मिलाकर पीने से भी एसिडिटी नहीं होती. खाने के कुछ समय पहले इसे लेने से अधिक फ़ायदा होगा.
- Acidity में ठंडे दूध पीना काफी फायदेमंद हो सकता हैं. ठंडे दूध में मौजूद कैल्शियम एसिडिटी के दर्द को शांत करता है. इसलिए जब भी पेट में जलन या गैस की वजह से पेट दर्द महसूस हो तो ठंडे दूध का सेवन कर सकते हैं. मुनक्के को एक गिलास दूध में उबालकर ले सकते हैं.
- अदरक के टुकड़े पर काला नमक छिड़क कर चूसें. अदरक को पानी के साथ उबालकर भी पी सकते हैं. ऐसा करने से एसिडिटी में काफी आराम मिलता है.
- आंवले को काले नमक के साथ या उबालकर या फिर मुरब्बे अथवा जूस के रूप में ले सकते हैं. आंवला और एलोवेरा का मिश्रित जूस भी पी सकते हैं.
- भोजन के बाद तुलसी की कुछ पत्तियां चबाएं या फिर गर्म पानी में डालकर इसका सेवन करें.
- अजवायन को पानी में उबालकर और ठंडा होने पर छानकर पी सकते हैं.
- पिसी हुई पुदीने की पत्तियां काले नमक के साथ मिलाकर पी सकते हैं.
- रात में ईसबगोल के सेवन से भी एसिडिटी में काफी फायदा होता है.
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