एड्स (AIDS) दुनिया की सबसे ख़तरनाक बीमारियों में से एक मानी जाती है, Causes treatments cure types
एड्स (AIDS) दुनिया की सबसे ख़तरनाक बीमारियों में से एक मानी जाती है | Causes treatments cure types लोगों को लगता है, की इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन ऐसा नहीं है। समय रहते इसका इलाज किया जा सकता है। हमने अपने इस लेख में कुछ तरीकों के बारे में लिखा है, जिनका ध्यान रखा जाए तो इस बीमारी से बचा जा सकता है।
एड्स (AIDS) एक जानलेवा बीमारी है, जो एच.आई.वी. (HIV – ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) के कारण होती है। यह बीमारी धीरे-धीरे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) को खत्म कर देती है, जिससे शरीर किसी भी सामान्य बीमारी से लड़ने में असमर्थ हो जाता है।
एड्स के बारे में बहुत से लोगों में गलतफहमी होती है। कई लोग सोचते हैं कि एड्स छूने, साथ खाने-पीने या एक साथ रहने से फैलता है, लेकिन ऐसा नहीं है। यह बीमारी मुख्य रूप से संक्रमित खून, असुरक्षित यौन संबंध और संक्रमित सुई के इस्तेमाल से फैलती है।
आज के समय में एड्स एक वैश्विक समस्या बन चुकी है। लाखों लोग हर साल इस बीमारी से प्रभावित होते हैं। हालांकि एड्स का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन कुछ दवाओं की मदद से इसे नियंत्रित किया जा सकता है और मरीज की उम्र बढ़ाई जा सकती है। एड्स से बचाव के लिए लोगों को इसके बारे में सही जानकारी होना बहुत जरूरी है।
1.असुरक्षित यौन संबंध किसी अनजाने व्यक्ति के साथ बनाना :
अगर कोई व्यक्ति बिना सुरक्षा (जैसे कंडोम) के एड्स से संक्रमित व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाता है, तो उसे यह संक्रमण हो सकता है। यह सबसे आम कारणों में से एक है जिससे एड्स फैलता है।
2. किसी संक्रमित व्यक्ति का खून चढ़ाना:
अगर किसी व्यक्ति को खून की जरूरत होती है और गलती से उसे एड्स संक्रमित व्यक्ति का खून चढ़ा दिया जाता है, तो उसे भी एड्स हो सकता है। इसलिए हमेशा खून चढ़ाने से पहले उसकी जांच करवानी चाहिए।
3. किसी संक्रमित व्यक्ति का सुई या इंजेक्शन किसी स्वथ व्यक्ति को लगजान:
अगर कोई व्यक्ति पहले से इस्तेमाल की गई सुई या इंजेक्शन का उपयोग करता है, अगर संक्रमित व्यक्ति के द्वारा सुई या इंजेक्शन का उपयोग क्या गया हो तो उसे भी यह बीमारी हो सकती है। यह समस्या खासतौर पर नशा करने वाले लोगों में पाई जाती है, जो नशे के लिए एक ही सुई को कई बार इस्तेमाल करते हैं।
4. गर्भावस्था या स्तनपान के दौरान:
अगर कोई महिला एड्स से संक्रमित है और वह गर्भवती है, तो यह वायरस उसके बच्चे में भी जा सकता है। इसके अलावा, अगर संक्रमित माँ अपने बच्चे को स्तनपान कराती है, तो बच्चे को भी यह बीमारी हो सकती है।
5. संक्रमित ब्लेड या अन्य उपकरण:
अगर किसी व्यक्ति को कट लग जाए और वही ब्लेड या नाखून काटने वाला उपकरण किसी और पर इस्तेमाल कर लिया जाए, तो संक्रमण हो सकता है। इसलिए हमेशा व्यक्तिगत चीजों का ध्यान रखना चाहिए।
एड्स के लक्षण (HIV/AIDS Symptoms)
एच.आई.वी. संक्रमण होने के तुरंत बाद इसके लक्षण दिखाई नहीं देते। यह वायरस धीरे-धीरे शरीर के इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है। एड्स के लक्षण कई सालों बाद सामने आ सकते हैं।
प्रारंभिक लक्षण (शुरुआती संकेत):
- एच.आई.वी. (HIV) संक्रमित होने के कुछ सप्ताह बाद निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:
- हल्का बुखार हमेशा रहना
- सिर दर्द और गले में खराश रहना
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द हमेशा रहना
- शरीर पर लाल दाने निकलना
- कमजोरी और थकान का महसूस होना
बाद के लक्षण (जब एड्स (AIDS) विकसित हो जाता है):
- जब एच.आई.वी. (HIV) वायरस शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बहुत कमजोर कर देता है, तब निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं:
- लगातार बुखार रहना (100°F से ऊपर)
- लगातार दस्त लगना और वजन कम होना
- भूख न लगना और कमजोरी महसूस करना
- खांसी और सांस लेने में तकलीफ
- मुंह या गले में सफेद धब्बे (फंगल इंफेक्शन)
- त्वचा पर दाने और घाव होना
- बार-बार बीमार पड़ना और देर तक ठीक न होना
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अगर किसी व्यक्ति को ये लक्षण लंबे समय तक महसूस हों, तो उसे तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए और एच.आई.वी. टेस्ट कराना चाहिए।
एड्स से बचाव के उपाय (Prevention of AIDS)
एड्स एक गंभीर लेकिन बचाव योग्य बीमारी है। अगर लोग सही सावधानी बरतें, तो इससे बचा जा सकता है।
1. असुरक्षित यौन संबंध से बचें:
- संबंध बनाते समय हमेशा कंडोम का इस्तेमाल करें।
- एक से अधिक पार्टनर के साथ संबंध न बनाएं।
- अपने पार्टनर की एच.आई.वी. (HIV) स्थिति जानने के बाद ही संबंध बनाएं।
2. सुरक्षित रक्तदान और रक्त चढ़ाना:
- किसी भी व्यक्ति को खून चढ़ाने से पहले उसका एच.आई.वी. (HIV) टेस्ट करवाएं।
- सिर्फ मान्यता प्राप्त ब्लड बैंक से ही रक्त लें।
3. संक्रमित सुई और इंजेक्शन से बचें:
- कभी भी पहले से इस्तेमाल किए गए इंजेक्शन या सुई का उपयोग न करें।
- डॉक्टर और अस्पतालों को हर बार नए और साफ सुई का ही उपयोग करना चाहिए।
4. गर्भवती महिलाओं के लिए सावधानी:
- अगर कोई महिला एच.आई.वी. (HIV) संक्रमित है, तो उसे डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए ताकि संक्रमण उसके बच्चे में न फैले।
- ऐसी महिलाएं स्तनपान (स्तनपान का मतलब होता है माँ का अपने बच्चे को दूध पिलाना) न कराएं क्योंकि इससे (HIV) वायरस बच्चे में जा सकता है।
5. व्यक्तिगत चीजों को अलग रखें:
- ब्लेड, टूथब्रश, नेल कटर और शेविंग किट जैसी चीजें शेयर न करें।
- टैटू बनवाने या कान छिदवाने से पहले साफ-सुथरे उपकरण का उपयोग करें।
- एड्स का इलाज (Treatment of AIDS)
अभी तक एड्स का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन कुछ दवाएं इसे नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं।
1. एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART):
- यह एक खास दवा उपचार है जो एच.आई.वी. (HIV) वायरस को गति धीमी कर देती है।
- यह मरीज की इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करती है ताकि वह लंबे समय तक स्वस्थ रह सके।
2. नियमित जांच और परामर्श:
- अगर किसी को एच.आई.वी. संक्रमण हो गया है, तो उसे नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करानी चाहिए।
- मरीज को संतुलित आहार लेना चाहिए और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना चाहिए।
- एड्स को लेकर गलतफहमियां (Myths about AIDS)
- आज भी कई लोग एड्स को लेकर भ्रम में रहते हैं। यहां कुछ आम गलतफहमियां दी गई हैं:
- गलतफहमी: एड्स छूने से फैलता है।
सच: एड्स हवा, पानी या छूने से नहीं फैलता। - गलतफहमी: एड्स मच्छर के काटने से फैलता है।
सच: मच्छरों के काटने से एड्स नहीं फैलता क्योंकि वे वायरस को शरीर में ट्रांसफर नहीं कर सकते। - गलतफहमी: एड्स सिर्फ गलत कार्य करने वालों को होता है।
सच: एड्स किसी को भी हो सकता है, अगर वह सावधानी नहीं बरतता।
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