Tonsils meaning in Hindi | जान इसके लक्षण, कारण और बचाव

Tonsils meaning in Hindi | जान इसके लक्षण, कारण और बचाव

(Tonsils meaning in Hindi) टॉन्सिल समस्या को गले की खराश और सूजन की स्थिति कहा जाता है जो गले के एक या दोनों तरफ़ की एक प्रकार की ग्रंथियों को प्रभावित करता है। ये ग्रंथि गले के गहराई में स्थित होती हैं, जो बच्चे और बड़े दोनों को प्रभावित कर सकती हैं। टॉन्सिल्स की समस्या का मुख्य कारण वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण हो सकता है। इसके लक्षणों में गले में दर्द, सूजन, गले में खराश, गले में बढ़ा हुआ अनुभव, स्वाला समस्या, खांसी, गले में दर्द के साथ निगलने में दिक्कत, उच्च बुखार और थकान शामिल हो सकती हैं।

(Tonsils) टॉन्सिल्स की समस्या को निदान और उपचार के लिए आमतौर पर डॉक्टर की सलाह ली जाती है। उपचार के लिए डॉक्टर आमतौर पर दवाओं का परामर्श देते हैं, जैसे कि अन्टीबायोटिक्स या गर्गल करने के लिए दवा, और अगर समस्या बार-बार होती है तो किरटाक्टोमी (टॉन्सिल निकालने की क्रिया) की सलाह भी दे सकते हैं।

(Tonsils) टॉन्सिल्स, जो गले के गले के उत्तरी हिस्से में स्थित होते हैं, मनुष्य के शरीर में महत्वपूर्ण रोल निभाती हैं। ये छोटी गोलाकार ग्रंथियाँ शारीरिक प्रतिरोधक तंत्र (इम्यून सिस्टम) का हिस्सा होती हैं, जो कि विभिन्न इन्फेक्शन्स और बीमारियों से लड़ने में मदद करती हैं। टॉन्सिल्स का यह महत्वपूर्ण कार्य इसे महत्वपूर्ण अंग बनाता है। इस लेख में, हम टॉन्सिल्स के विविध पहलुओं के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे।

Tonsils

टॉन्सिल्स के प्रकार: Types of Tonsil 

पोस्टीरियर टॉन्सिल्स: ये टॉन्सिल्स सबसे अधिक प्रसारीत होते हैं और गले के नीचे की भाग में स्थित होते हैं।
पालटीनेट टॉन्सिल्स: ये टॉन्सिल्स गले के दोनों ओर की पीछे की भाग में स्थित होते हैं।
लिंगुअल टॉन्सिल्स: ये टॉन्सिल्स जीभ के आस-पास के भाग में होते हैं।
तांत्रिक टॉन्सिल्स: ये टॉन्सिल्स गले के ऊपरी हिस्से में स्थित होते हैं, परन्तु इनकी उपस्थिति बहुत ही कम होती है।

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(Tonsils) टॉन्सिल्स का इलाज क्या होता है।

(Tonsils) टॉन्सिल्स का इलाज व्यक्ति के रोग की स्थिति और लक्षणों के आधार पर निर्धारित किया जाता है। यह एक सामान्य रूप से अपने आप ही ठीक हो जाता है, लेकिन कभी-कभी चिकित्सा इंटरवेंशन की आवश्यकता होती है।

(Tonsils) टॉन्सिल्स के इलाज में सबसे पहला चरण है आराम और खासकर समय-समय पर हाइड्रेशन, यानी पानी का पर्याप्त सेवन करना। गर्म पानी से गरारा करना, नमक और पानी का मिश्रण पीना और आराम करना भी इसमें मददगार होता है।

अगर टॉन्सिल्स के लक्षण गंभीर हैं, तो डॉक्टर पेशेंट को दवाई देते हैं। इसमें आमतौर पर ज्यादातर खांसी, थूक में डायज़ेक्टिक्स, और दर्द निवारक दवाएं शामिल होती हैं। डॉक्टर कभी-कभी एंटीबायोटिक्स भी प्रेस्क्राइब करते हैं, यदि संक्रमण के कारण हैं।

यदि टॉन्सिल्स की स्थिति अधिक गंभीर है और लक्षणों का उपचार नहीं करता, तो डॉक्टर सलाह देते हैं कि ऑपरेशन की आवश्यकता हो सकती है। इसमें टॉन्सिलेक्टोमी शामिल हो सकती है, जिसमें टॉन्सिल्स को हटा दिया जाता है। यह ऑपरेशन एक आम रूप से किया जाता है और इसके बाद व्यक्ति को कुछ दिनों की आराम की आवश्यकता होती है।

(Tonsils) टॉन्सिल्स के इलाज के लिए घरेलू उपाय भी उपयोगी हो सकते हैं, जैसे कि गरम पानी से गरारा करना, हल्का नमक और पानी का सेवन करना, और बहुत सारा आराम लेना। इसके अलावा, अनुशासन से बच्चों को खासकर संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण की सलाह दी जाती है।

(Tonsils) टॉन्सिल्स के इलाज में अपनी जीवनशैली में थोड़े परिवर्तन करने का भी महत्व है। इसमें तंबाकू का सेवन और धूम्रपान से बचना, स्वस्थ खान-पान का ध्यान रखना, और नियमित व्यायाम करना शामिल है।

यदि टॉन्सिल्स के लक्षण किसी व्यक्ति को अधिक समय तक परेशान कर रहे हैं या चिकित्सा इलाज प्रभावी नहीं हो रहा है, तो उन्हें अपने चिकित्सक से पुनः संपर्क करना चाहिए।

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